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हम दोनो ही (UK) यानी Uttra khand Rudrapur से (UP ) Uttra pardesh बरेली को आ रहे थे।

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मेरी टेंशन मत करो मैं एक दम ठीक हूँ, 


दोस्तो आज मैंने तीन के बाद ब्लोग लिखा है। और यह बात भी मैं तीन के बाद ही पुछ रही हूँ। कि आप लोग कैसे हैं तो जल्दी से बताऊ कि आप लोग कैसे हैं। ,मेरी टेंशन मत करो मैं एक दम ठीक हूँ, 
मेरी टेंशन मत करो मैं एक दम ठीक हूँ,

तो दोस्तो मैं यह कह रही थी। कि आज मैं आप लोगो को एक बहुत ही अच्छी बात बताने वाली हूँ। तो आप लोग तैयार हो वह बात जानने के लिए,,

हो सकता है आप लोग तैयार न हो मेरी प्यार सी बात जान ने के लिए, मगर मैं बहुत ही जिद्दी हूँ। मैं तो जरुर बताऊँगी चाहे आप लोग पढ़ो या नही पढ़ो Ok,, तो मैं अपनी बात बताने के लिए बिल्कुल तैयार हूँ।

(UK) यानी Uttra  khand Rudrapur से (UP ) Uttra pardesh


दोस्तो एक बार मैं और मेरी दोस्त हम दोनो ही (UK) यानी Uttra  khand Rudrapur से (UP ) Uttra pardesh बरेली को आ रहे थे। हम रुद्रापुर से ऊटो में किच्छा के लिए आ रहे थे, ऊटो में मैं और मेरी फ्रैंड हम दोनो बैठे थे। 

मैं किसी बात को लेकर बहुत ही परेशान थी। जिससे कि मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था मेरे चहरे पर जो कि गुस्सा साफ झलक रहा था। तभी मेरे पास बैठी एक आंटी ने मुझे से पुछा,,,,
  1. क्या हुआ बिटिया बहुत गुस्से में लग रही हो,,
  2. मैंने उनकी बात सुनी अनसुनी कर दी उनकी बात का कोई जबाब नही दिया था।
  3. फिर से आंटी ने मुझसे वही सबाल किया कि बिटिया इतने गुस्से में क्यो हो,,, 
फिर मैंने अपनी फ्रेंड की तरफ मुँह बिगाड़ाते हुए दिखा,, मेरी फ्रेंड समझ गई थी कि मैं बहुत गुस्से में हूँ और आभी मुझसे कोई भी बात करना बेकार है।  उसने आन्टी से कहा,,

आन्टी अभी इससे कोई भी सबाल मत किजिए यह अभी किसी और बात से बहुत परेशान है। यह आपके किसी भी सबाल का कोई भी जबाब नही देगी,, उस समय तो आन्टी शांत हो गई थी। 

मगर हम जैसे ही किछा आए और तो आंटी ने मेरे सर पर हाथ रखते हुए फिर वही सबाल किया इस बार मैं चुप न रहे सकी और मैंने उनको सब बताया,, फिर उन्हो ने भी अपनी लाइफ स्टोरी बताये थी । 

आंटी न बताया था कि वह अपना घर छोड़कर आई हैं। मैं ने उनके घर छोड़कर आने की वजह पुछी थी तो  उन्होने बताया कि उनका एक भी लड़का है और उसने अपनी मर्जी की पसन्द की लड़की  से शादी कर ली है तो इस लिए बह अपना घर ही छोड़कर आ गई थी । 

फिर मैं ने पुछा अब कहा जाऊगी, उन्होने कहा एक मेरी बहन है उनके घर जाउँगी । उस समय ठन्डा मौसम था और  आंटी पर कोई स्वाटर भी नही था मैंने अपना स्वाटर देना चाहा मगर उन्होने लेने से मना कर दिया,, मैंने बोला ठीक है मत लो मगर अपना ख्याल रखना यह कहती हुई मैं बस में बैठ गई थी। 

फिर 2 मिनट के  बाद आंटी एक पेन और एक कागज लेकर आई थी। और मुझसे बोली अपना नम्वर मुझे लिख कर देदो बिटिया मुझे थोड़ा अजिब सा लगा जब आंटी ने मंवर मांगा। मैंने अपनी दोस्त की तरफ देखा मेरी फ्रेंड ने हाँ बोल दिया तो मैं ने अपना नम्वर दे दिया था। 

फिर आंटी बस से निचे उतर गई थी। और तुरंत दो मिनट के बाद आंटी फिर बस में आ गई थी इस बार आन्टी कुछ लेने नही दे ने आई  थी,,, दोस्तो आप लोग सोचो कि आंटी अब क्या लेकर आई होंगी,, कोई बता सकता  है। कोई बात नही मैं ही बता देती हूँ,, इस बार आंटी हमारे लिए यानी मेरे लिए बरगर और मेरी फ्रेंड के लिए चाउमीन लेकर आई थी। 

यह देख कर आंटी हमारे लिए चाउमीन और बरगर लेकर आई हैं  हमें बहुत ही हैरानी हुई थी। मैं ने  आंटी से पुछा आंटी आप यह सब क्यो लेकर आई हो आन्टी ने कहा आप दोनो मेरी बेटियाँ जैसी हो, तो मैं तुम्हारे  लिए कुछ खाने के लिए नही ला सकती हूँ। 

उनके यह प्यार भरे शब्दो के आगे हम कुछ नही बोल सके, और हम तीनो ने चाउमीन और बरगर साथ में खाया था। 

दोस्तो यह आंटी कोन थी कहा से आई थी यह सब हम नही जानते हैं मगर यह जो कोई भी थी बहुत आच्छी थी, बहुत ही नही बहुत बहुत अच्छी थी।

दोस्तो अब मिलते हैं बहुत ही जल्द अगले ब्लोग में,, OK 
UP wali chhori 


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