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Hiii, मेरे दोस्तो ऐसे ही चलते रहिए मेरे साथ साथ हम बहुत दुर तक जाएँगे। तो आज की प्यारी सी स्टोरी शुरु करते हैं,,, दोस्तो यह भी बंदर वाली स्टोरी है
बन्दर की कहानी
एक बार हमारे गाँव में बन्दर आ गया आप लोग सोच रहे होंगे कि इसमे क्या बडी बात है बंदर तो गाँव मे आते रहते हैं। जी बंदर आते तो आते रहते हैं यह बात तो है मगर दोस्तो यह बात थोड़ी अलग है अब काहे अलग है यह तो हम आप लोगो को जरुर बताएँगे।तो चलिए बताते हैं हम आप लोगो को
दोस्तो यहाँ बात कुछ और है हमारे गाँव में बंदर का आना बहुत बडी बात मानते हैं। बच्चे यानी मैं भी तो दोस्तो उस दिन बंदर आया तो बच्चे उसके पिछे पिछे घुम रहे थे।जहाँ बंदर जा रहा वहाँ बच्चे जा रहे थे बच्चे बंदर बंदर कह कर शोर कर रहे थे।और मैं अपने घर में रोटी बना रही थी।
मिट्टी के चुल्हे पर शायद आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं उस समय रोट्टी बनाने के काविल थी तो दोस्तो मैं आपको बता दों मैं उस समय रोट्टी बनाने के लायक नही थी मगर मैं सिरफ 2,या3, रोट्टी बना रही थी अम्मी घर पर नही थी कोई नही था घर पर तो शोक शोक में बना रही थी तभी कुछ आवाज आती हैं बनदर बंदर तो मै उस आवाज को सुनकर जिधर से आवाज आ रही थी उधर देखने लगी बाए तरफ से आवाज आ रही थी।
बन्दर आया रोटी लेने।
और दाँए तरफ रोट्टी सिख रही थी मैंं अभी भी बाँए तरफ देख रही थी और दाँए तरफ से चिम्ता उठा ने वाली थी चुल्हे से रोट्टी निकालने के लिए मगर चिम्ता हाथ नही आया कुछ और आया पाता है दोस्तो वह क्या था बन्दर की खाल थी। बंदर मेरे दाँए तरफ से रोट्टी ले जाने वाला था ।मैंने उसे देखा और मै बहुत घवरा गई थी मगर मजे की बात तो यह है कि डर भी बह्त लगा रहा था जोर जोर से चिख भी रही थी मगर उस बंदर की खाल नही छोड रही मेरी चिख सुन कर एक आंटी आ गई उन्होने देखा कि मै डर भी रही हु मगर बंदर को नही छोड रही हूँ। उन्होने मुझ से बोला बंदर को छोड दों मगर मैंने बोला अगर छोड दिया तो रोट्टी ले जायगा , यह सोन कर वो हंसी और बोली तू पागल है। फिर बंदर को मैंने छोड दिया और रोट्टी नही ले जाने दी।तो दोस्तो देखा आप लोगो ने मैं कितनी बहादूर हूँ दोस्तो इस सब को आप लोग मन गड़त कहानी मत समझना यह सब सच्ची बात है।
Note
दोस्तो अब मिलते हैं अगले ब्लोग में जब तक आप लोग मुझे दुआओ में याद रखना।
UP wali chhori,,
1 comments:
Click here for commentsSo nice