My ( 8) bloggers,
Hii दोस्तो कैसे हो आप लोग मुझे तो मुझे पता है कि आप लोग अच्छे होंगे मगर फिर भी बिना पुछे मुझे अच्छा फिल नही होता है,,अब आप लोग तो पुछते नही हो तो मैं ही पुछ ही लेती हूँ।
आप लोगो को तो मेरी कोई भी जरासी भी फिकर नही एक मैं ही हूं जो आप लोगो की इतनी ज्यादा फिकर करती हू। कभी कभी दोस्तो हमे भी याद कर लिया करो, हमारा भी हाल चाल पुछ लिया करो, हाल चाल पुछने से कोई tex थोड़ी लगता है।
मेरा तिल ले गई
दोस्तो आज की कहानी है मेरे तिल की है ,,जी हाँ आप लोगो ने सही पढा है। दोस्तो मेरे चेहरे पर एक तिल है जो मुझे बहुत पसंद है । मगर इस तिल के साथ क्या हुआ मैं आपको बताती हूँ तो चलिए जानते है मेरे तिल के साथ क्या हुआ।दोस्तो एक लडकी से मेरी बहुत लडाई होती थी, अब आप लोग यह मत बोलना कि मैंने लड़ाई की होगी। यह जरुरी तो नही कि मैं ही हर वार लड़ाई करती होंगी, इस बार मैंने नही की थी लड़ाई उस लड़की ने ही लड़ाई थी।
उस का और मेरा घर बहुत दुरी दुरी पर था । एक बार मै उसके पास वाली दुकान पर किसी काम से गई थी उस समय मैं बहुत छोटी थी।
मगर किसमत खराब थी क्या करते उसी दुकान पर वह लड़की भी आ गई। और जैसे कि मैैं ने पहले ही बताया कि हम दुशमन तो पहले के ही थे। तो दुकान पर भी किसी बात को लेकर हमारी लडाई हो गई थी।
दोनो ने बहुत उठा पटकी की मगर उस समय लडाई छ्मा हो। गई उस दिन तो छमा हो लड़ाई मगर यह किसको पता था यह लड़ाई इतनी मेहंगी पड़ेगी वह लड़की नही दनाव थी कमिनी। फिर एक दिन मैं उसके घर की तरफ गई थी, तो उसने मुझे देख लिया और फिर मेरे पास आ कर मुझे उल्टा सिधा बोलने लगी फिर क्या मैं कम थोडी ना थी।
मैंने भी उसको गाली दी फिर दोनो एक दूसरे को मारने लगे फिर ऐसे ही उठा पटक में उस लड्की ने मेरे गाल का तिल अपने हाथ के नाखून से खीच लिया ,फिर मै जोरसे जोरसे रोने लगी और रोती हुई घर आ गई अम्मी और पापा ने देखा तो पापा उस लडकी के घर गए सिकायत लेके फिर उसके पापा ने उसे डाटा और मेरे पापा ने मुझे डाटा ।
दोस्तो इस समय वह लडकी और मै दोस्त है मगर पक्के वाले नही है टेम्प्रेजी हैं। दोस्तो अगर मेरी लाइफ को और जानना तो पढते रहिगा मेरे ब्लोगर , खुदा हाफिज,,,, UP वाली छोरी
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