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सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं,

हेलो,, दोस्तो कैसे हैं सब लोगो उम्मीद है कि सब लोग


ठीक होगे,, अगर ठीक नही हो तो हो जाओगे, क्योकि


अब UP WALI CHHORI, वेब्साइट पर ब्लोग पोस्ट


आ गई है। 



दोस्तो इस बार पोस्ट बहुत लेट आई है,, हमारी पिछली पोस्ट 18 सेतेम्बर की है।    


इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फराज कच्चा तेरा मकान है कुछ तो ख्याल कर

सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं,
तो इसके शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं,
अगर वह बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं,
अगर यह बात है तो चलो बात करके देखते हैं।
👫
सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं,


कहानियां ही सही मुकाबला ही सही,,
अगर यह ख्वाब है तो ताबीज करके देखते हैं।


शेक्सपियर की कॉल की पास दारी कर रहा है,
वो मोहब्बत नहीं अदाकारी कर रहा है।

लोग यहां के काले बिच्छू ,
पल-पल डसने वाले बिच्छू
था मालूम के डस लेंगे,
फिर भी हमने पहले बिच्छू।

किरदार में मेरे भले ही अदाकारी या नहीं है,
खुद्दारी है गुरूर है पर मक्का रिया नहीं है।

मेरी हर बात बेअसर ही रही,
अर्ज है कुछ मेरे बयान में क्या,
मुझे तो कोई टोकता भी नहीं,
यही होता है खानदान में क्या।


बोलते क्यों नहीं कुछ मेरे हक में,
आवले पड़ गए जुबान में क्या,
यू क्या देखता है आसमान को तू,
कोई रहता है आसमान में क्या।


उर्दू है मेरा नाम मैं खसरो की पहेली,
मैं अमीर की हमराज हूं ग़लिब की सहेली,
दक्कन के बली ने मुझे गोदी में खिलाया,
सौदा के कसीनो ने मेरा हुस्न बढ़ाया,
है अमीर की अजमत ने मुझे चलना सिखाया,
मैदा के आंगन में चली बनके चमेली,
उर्दू है मेरा नाम मैं खुसरो की पहेली।

गालिब ने मुझे बुलंदी का सफर सिखाया,
हां अली ने मोरब्बत का सबक याद दिलाया,
इकबाल ने आईना-ए हक मुझ को दिखाया,
मोमिन ने सजाई मेरे ख्वाबों की हवेली,
उर्दू है मेरा नाम में खुसरो की पहेली।

क्यों मुझको बनाते हो दानिश का निशाना,
मैंने तो खुद को कभी मुसलमान नहीं माना,
देखा तो कभी मैंने भी खुशियों का जमाना,
मैं अपने ही वतन में हूं राही अकेली,
उर्दू है मेरा नाम मैं खुसरो की पहेली।

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