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दोस्तो मैं Tally ERP9 करने के बाद मैं UK यानी Uttra Khand, Rudrapur चली गई थी।
मेरा परिवार Rudrapur जाकर रहने लगा। Rudrapur जाकर मैं एक कम्पनी में Job करने लगी। दोस्तो मेरा पहला दिन बहुत खराब गया था, वह इसलिए जो कम्पनी में Lady सुपर वाइजर थी। दरासल हमको यह तो बात नही पता था कि यह औरत सुपर वाइजर तो होना क्या था।
वहाँ की एक सुपर वाइजर मेरा नाम तो नही लेती थी। साली नागिन बोलती थी।दोस्तो मुझे कम्पनी में पहली दोस्त मिली थी जिसका नाम Anshu Ganwar था। सच में मुझे बहुत प्यारी लगती है।
दोस्तो पता है हम लोग कैसे मिले थे अरे आप लोगो कैसे पता होगा मैं ने तो अभी बताया ही नही है OK बताती हूँ मैं ने पहली बार अंशु को एक लड़की से झगड़ते हुए देखा बहुत ही जोरो सोरो वाला झगड़ा हो रहा था। मैं दोनो से मना कर रही कि झगड़ा न करें फिर मुझसे अंशु बोली मैं नही कर रही झगड़ा यह लड़की कर रही है कुछ सयम के बाद झगड़ा खतम हो गया फिर पहली बार हम दोनो लंच करने गए।
फिर हम दोनो बहुत प्यारे से दोस्त बन गए। दोस्त बनने के बाद अगर हमे कोई कुछ बोल देता था न तो फिर उसकी तो खेर नही हम दोनो एक दुसरे के साथ बहुत खुश रहते थे। बैसे आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं तो ऐसे कहानी बता रही हूँ जैसे कि एक लड़का और लड़की की कहानी बता रही हूँ। मगर ऐसा नही है अंशु मुझे और मैं अंशु को बहुत प्यार करते हैं आज भी सच मुच।
मगर कुछ ऐसा हुआ जो कि नही होना चाहिए। जिसकी बजह से अंशु मुझसे दुर हो गई। वजह यह थी कि अंशु से एक लड़का (Love )करता था हिंदी में बोलेंं तो प्यार करता था। मगर problem यह थी कि अंशु उस लड़के से प्यार नही करती थी। अंशु यह सोचती थी कि वह लड़का प्यार तो बहुत दुर की बात है नफरत के लायक भी नही है। और problem की बात तो यह थी कि वह लड़का कम्पनी में सुपर वाइजर था। बस होना किया था उस कमिने ने सुपर वाइजर वाली पावर दिखा दी यानी औकात दिखा दी। जब मेरी दोस्त ने उसे मना कर दिया तो उस लड़के ने गलत इल्जाम लगा कर मेरी अंशु को कम्पनी से निकलवा दिया था अंशु ने उसे इस लिए स्वीकार नही किया था। कि यह बहुत ही गंदी आदत थी कि जो उसे अच्छी लड़की मिलती तो वह उस लड़की के लिए जिस से वह पहले प्यार करता था उसे छोड़ देता था।
यह उसका प्यार नही एक गंदी आदत और बेसरमी थी। जिसका निसना मेरी दोस्त नही बनी मगर इस बात की उसे कीमत जरुर चुकानी पड़ी उसे कम्पनी से निकाले जाने की बिल्कुल भी परवाह नही थी। वह यह सोच कर खुश थी कि वह एक गलत रिस्ते में फसने से बच गई
दोस्तो अंशु को इस गलत रिस्ते बचा ने वाली पता है कौन थी। सोचो सोचो और बताओ नही पता है Oh,,No, इतना भी दिमाग नही है। कि यह सोच सको कि अंशु लो इस गलत रिस्ते से किसने बचाया, OK अपोन बताता है। वह कौन था ( वह महान यानी Great इंसान अपोन ही था ) यानी मैं और कौन होगा।
तो मेरे प्यारे प्यारे दोस्तो यह थी। मेरी प्यारी दोस्त अंशु की कहानी दोस्तो ऐसे ही UP wali chhori के Secret जानने और उसके दोस्तो की कुछ गिनी चुनी कहानी पढ़ने के लिए आप हमारे यानी UP wali chhori Articles पढ़ते रहिए।
आपकी अपनी दोस्त, UP WALI CHHORI,,
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