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Ek boond paani
मेरे प्यारे दोस्तो आज आप लोगो को मैं अपनी एक ऐसी सरारत से मिला हूँ। जिसे सुनकर आप लोग यह सोचने पर मजबूर हो जाओगे कि क्या मैं सिरफ सरारती ही हूँ या फिर पागल हूँ, या फिर महा पागल हूँ।
अरे आप लोग यह तो नही सोच रहे हो, कि मैं आप लोगो पागल बोल रही हूँ। नही नही ऐसा नही है मेरा मतलब यह कि आप लोग मेरे बारे में यह सब सोचोगे मेरी यह वाली स्टोरी सुनने कि बाद, तो चलिए ज्यादा समय न लेते हुए स्टोरी शुरु करते हैं।दोस्तो एक बार मेरे पापा जी बाहर से आए तो आते ही मुझे से खाना मांग ने लगे। क्योकि पापा जी को बहुत ही जोर से भूँक लगी ,मेरे पापा ने मुझसे बोला कि बेटा खाना लाओ तो मैं पापा के कहने से खाना लेने ही जारी थी। तभी मेरे दिमाग में बिल्कुल नई खुरेपात यानी नई पागल पंती जाग गई। तो जानना चाहोगे कि वह कौनसी पागल पंती थी दोस्तो पापा ने मुझसे बोला कि बेटा खाना लाओ तो जब मेरे दिमाग में यह नई पागल पंती ने जन्म ले लिया तो मैं ने दुबारा पापा से पुछा। मैं ने कहा पापा किस चीज में खाना लाऊँ पापा ने जबाब दिया कि किसी भी चीज मै दे दो।
दोस्तो जैसे ही पापा ने यह बोला कि किसी भी चीज में खाना ले आओ। एक दम तभी मेरे खुरेपाती दिमाग में एक नई पागल पंती ने जन्म ले लिया। वह पागल पन्ती यह थी कि मैं ने पापा को सब्जी एक शलजम के पत्ते पर रख कर दे दी। पापा एक दम देखकर यह बोले कि यह क्या है मैं ने बड़े प्यार से कहा सब्जी है, तो पापा बोले यह मुझे भी दिख रही है। मगर यह इस पत्ते में क्यो कोई बर्तन नही था। तो मैं ने कहा पापा आप ने ही तो बोला किसी भी चीज में ले आओ। यह बात सुनकर पापा बोले या अल्लाह कहा है तू इस लड़की का दिमाग कहा बैठकर बनाया है।
दोस्तो ऐसी ही एक सरारत और है । एक बार ईद का दिन था तो पापा के साथ पापा के दोस्त भी थे। तो पापा मुझसे बोले कि बेटा सिमई लेकर आओ मगर पापा ने फिर गलती कर दी। मैं ने यह बोला था कि बेटा सिमई लेकर आओ मगर पापा ने यह नही बोला कि सिमई में सक्कर भी डाल कर लाना तो पापा ने सक्कर डलने को बोला ही नही तो मैं क्यो डलती सक्कर बिना सक्कर की सिमई मैं ने दे दी। तो पापा ने कहा सक्कर क्यो नही डाली तो मैं ने कहा पापा आपने सक्कर डालने को नही बोला था।
एक बूँद जल,
दोस्तो ऐसे ही मेरी अम्मी की एक आदत है। कि जब भी पानी पीने को मांगी तो यह बोलेंगी कि एक बूँद पानी दे दो बेटा तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए मैंने अम्मी को पानी लाकर दिया क्योकि उन्होने मगाया था। और यह बोला था कि बेटा एक बूँद पानी लाकर दे दो मैंने एक बूँद पानी लाकर दे दिया। फिर अम्मी ने बोला पानी तो है ही नही तो मैं ने बोला कि अरे पानी है अम्मी बोली नही है। मैंने अम्मी से गिलास लिया और ऊल्टा किया तो उसमे एक बूँद पानी निकला। मैं ने कहा देखो अम्मी पानी है अम्मी ने कहा कहाँ है पानी मैं ने कहा यह है एक बूँद पानी। अम्मी हैरान हो कर बोली पागल एक बूँद मैंने कहा आपने ही बोला था। एक बूँद पानी को इसलिए एक बूँद ले कर आई।
दोस्तो ऐसी ही और भी स्टोरी है। वह आगे वाले ब्लोग में बताऊँगी अगले ब्लोग का इंतेजार करिए और मुझे दुआ में याद रखो दुबारा बहुत ही जल्द मिलेंगे दोस्तो जब तक के लिए Bye,,,, Take ,,,,, Care ,,,,, Best ,,,, Of ,,,,,,Luck,, My ,, best,,,,,,, friends,,
UP wali chhori ,,,

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